आजकल त्वचा पर मुंहासे यानी पिंपल निकलने की समस्या बेहद आम हो गई है। खासकर जिनकी त्वचा ऑयली (तैलीय) है, उन्हें पिंपल ज़्यादा परेशान करते हैं। ऐसे लोगों के मन में अक्सर ये सवाल उठता है कि आखिर पिंपल की समस्या से कैसे छुटकारा पाया जा सकता है?
दरअसल, पिंपल न सिर्फ़ चेहरे की खूबसूरती खराब करते हैं, बल्कि कई बार इनकी वजह से लोगों को असहनीय दर्द भी सहना पड़ता है। इसलिए, इस लेख में हम आपको न केवल पिंपल होने की कारणों के बारे में विस्तार से बताएंगे, बल्कि इस बीमारी को ठीक करने के कुछ कारगर घरेलू नुस्खों की जानकारी भी देंगे।
मुंहासे क्या हैं?
आमतौर पर जब हमारी त्वचा पर मौजूद तेल ग्रंथियां बैक्टीरिया से संक्रमित हो जाती हैं, तो मुंहासों का जन्म होता है। हथेलियों और तलवों को छोड़कर, ये तेल ग्रंथियां हमारे पूरे शरीर की त्वचा पर मौजूद होती हैं। त्वचा के रोम छिद्र अंदर से इन तेल ग्रंथियों वाली कोशिकाओं से जुड़े होते हैं। यही रोम छिद्र सीबम पैदा करते हैं, जो त्वचा की खूबसूरती और उसके भीतर तेल संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। जब हमारे शरीर में हार्मोनल बदलाव होता है, तो हमारी त्वचा की तेल ग्रंथियों में तेल संतुलन बिगड़ जाता है। इस संतुलन के बिगड़ने की वजह से ही हमारी त्वचा पर मुंहासे नज़र आने लगते हैं। (1) (2)
पिंपल/मुंहासों के प्रकार – Types of Pimples in Hindi
पिंपल छह प्रकार के होते हैं:
पेपुल्स (Papules) – ये गुलाबी रंग के ठोस दाने होते हैं, जिनकी वजह से कभी-कभी दर्द भी होता है।
फुंसी या दाना (Pustules) – ये छोटे दाने होते हैं, जिनके मुंह में मवाद भरा होता है।
नोड्यूल्स (Nodules) – ये त्वचा पर थोड़ी गहराई में पनपते हैं। इनका आकार बड़ा होता है और इनकी वजह से दर्द भी होता है।
पुटी (Cysts) – ये त्वचा पर ज़्यादा गहराई में पनपते हैं और इनकी वजह से दर्द भी हो सकता है। फुंसी की तरह ही इनमें भी मवाद भरा होता है। कई बार ये ठीक होने के बाद त्वचा पर दाग छोड़ देते हैं।
पिंपल/मुंहासे के लक्षण – Pimple Symptoms in Hindi
पिंपल या मुंहासे का होना कोई जानलेवा बीमारी तो नहीं है, फिर भी समय रहते इस बीमारी का इलाज करवा लेना चाहिए। दरअसल, पिंपल अगर ज़्यादा हों और उनका जल्द इलाज न करवाया जाए, तो वे त्वचा पर दाग छोड़ सकते हैं।
पिंपल निकलने का कोई खास लक्षण नहीं होता है। लेकिन, कभी-कभी जहां पिंपल निकलने वाला हो, वहां आपको दर्द महसूस हो सकता है। अगर लगातार कुछ दिनों से आपको पेट से जुड़ी परेशानियां हो रही हों या आप तनाव में हों, तो भी पिंपल हो सकते हैं। सच तो ये है कि पिंपल का होना या न होना, त्वचा और शरीर की बनावट पर निर्भर करता है। इसका कोई निर्धारित लक्षण नहीं होता है।
पिंपल/मुंहासे होने के कारण – What Causes Pimple in Hindi
नीचे हम कुछ ऐसी चीज़ों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनकी वजह से पिंपल हो सकते हैं:
1. अनुवांशिकता
पिंपल की समस्या अनुवांशिक हो सकती है। अगर आपके परिवार में किसी को बार-बार पिंपल होते हैं, तो आपको भी पिंपल की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। (1) (3)
2. हार्मोनल बदलाव
बढ़ती उम्र के साथ शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलावों की वजह से भी पिंपल होते हैं। खासकर महिलाओं को मासिक धर्म, गर्भावस्था और रजोनिवृत्ति के समय शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलावों के कारण पिंपल हो सकते हैं। (3)
3. दवाओं के कारण
कभी-कभी तनाव, मिर्गी या मानसिक बीमारी से जुड़ी कुछ दवाओं के सेवन से भी पिंपल निकल सकते हैं। (4)
4. कॉस्मेटिक का ज़्यादा इस्तेमाल
कॉस्मेटिक यानी सौंदर्य प्रसाधनों का ज़रूरत से ज़्यादा इस्तेमाल करने से पिंपल निकल सकते हैं। कई बार महिलाएं पूरे दिन मेकअप में रहती हैं और रात को ठीक से मेकअप नहीं उतारती हैं। इस वजह से भी पिंपल हो सकते हैं। इसलिए, महिलाओं को हल्का मेकअप करने और नेचुरल ब्यूटी प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। (3)
5. खानपान से जुड़ी बुरी आदतें
न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी और द अकादमी ऑफ़ न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स की ओर से प्रकाशित की गई एक रिपोर्ट में बताया गया है कि उच्च ग्लाइसेमिक भोजन, जैसे – बेकरी के खाद्य पदार्थ और हाई शुगर वाले ड्रिंक्स का सेवन करने से भी पिंपल होते हैं। (5) इसके अलावा डेयरी प्रोडक्ट, ऑयली चीज़ें और जंक फ़ूड के ज़्यादा सेवन से भी पिंपल हो सकते हैं।
6. तनाव
ज़्यादा समय तक तनाव में रहने से भी पिंपल की परेशानी हो सकती है। जब आप तनाव में होते हैं तो आपके शरीर के अंदर कुछ बदलाव होते हैं जिस कारण पिंपल हो सकता है। दरअसल, तनाव से न्यूरोपैट्राइड्स नामक रसायन निकलता है जिससे तनाव और भी बढ़ सकता है। (1) (3)
7. बदलता मौसम और प्रदूषण
ज़्यादा समय तक धूल-मिट्टी और प्रदूषित वातावरण में रहने से पिंपल होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, अगर आप एक शहर से दूसरे शहर तक ज़्यादा आना-जाना करते हैं, तो बदलते मौसम के कारण भी आपको पिंपल हो सकते हैं।
पिंपल/मुंहासे हटाने के घरेलू उपाय – Pimple hatane ke gharelu upay – Pimple Home Remedies in Hindi
जानिए कैसे करें पिंपल का घरेलू उपाय (gharelu upay for pimples in hindi)। नीचे हम आपको पिंपल हटाने के कुछ आसान उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं:
1. बर्फ़ – Ice
सामग्री
एक बर्फ़ का टुकड़ा
साफ़ कपड़ा
कैसे तैयार करें?
आप एक छोटे बर्फ़ के टुकड़े को एक साफ़ कपड़े में लपेट लें।
कैसे लगाएं?
अब अपने पिंपल के ऊपर धीरे-धीरे उस बर्फ़ के टुकड़े को रगड़ें। लेकिन ध्यान रखें कि आप ज़्यादा देर तक बर्फ़ को पिंपल पर न रखें।
समय
आप ऐसा दो से तीन मिनट तक करें।
कैसे करता है मदद?
पिंपल पर बर्फ़ रगड़ने से उसकी सूजन कम होती है और वो धीरे-धीरे ठीक होने लगता है। (6) (7) अगर पिंपल निकलने की शुरुआत होते ही ये नुस्खा आज़माया जाए, तो इससे ज़्यादा फ़ायदा होता है।
2. टूथपेस्ट – Toothpaste
सामग्री
सफ़ेद टूथपेस्ट
रूई
कैसे तैयार करें?
इसमें किसी खास तैयारी की ज़रूरत नहीं पड़ती है।
कैसे लगाएं?
आप रूई में थोड़ा सा टूथपेस्ट लेकर पिंपल पर लगाएं। ऐसा करने से आपके पिंपल का आकार घट सकता है। ध्यान रहे कि आप सफ़ेद टूथपेस्ट का ही इस्तेमाल करें, जेल टूथपेस्ट का नहीं।
समय
ये नुस्खा आप रात में आज़माएं और सुबह उठकर चेहरा पानी से धो लें।
कैसे करता है मदद?
टूथपेस्ट में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो पिंपल के लिए ज़िम्मेदार बैक्टीरिया को कम करने में मदद करते हैं। (8)
3. मुल्तानी मिट्टी – Fullers Earth
सामग्री
दो चम्मच मुल्तानी मिट्टी
एक चम्मच गुलाब जल
चार से पांच बूंद नींबू का रस
कैसे तैयार करें?
मुल्तानी मिट्टी, गुलाब जल और नींबू के रस को मिलाकर एक पेस्ट बना लें। आप चाहे तो इसमें थोड़ा पानी भी मिला सकते हैं।
कैसे लगाएं?
हाथ से इस पेस्ट को पूरे चेहरे पर या सिर्फ़ पिंपल वाली जगह पर लगाएं।
समय
इस पेस्ट को दस से पंद्रह मिनट तक लगाकर रखें फिर पानी से धो लें।
कैसे करता है मदद?
मुल्तानी मिट्टी ना सिर्फ़ त्वचा की गंदगी को बाहर निकालती है, बल्कि त्वचा से बेकार तेल को भी खींच लेती है। साथ ही यह मिट्टी रक्त प्रवाह को बढ़ाती है। यह मिट्टी खासतौर पर तैलीय त्वचा के लिए ज़्यादा फ़ायदेमंद होती है। (9)
अगर आपकी त्वचा रूखी है, तो इस नुस्खे का इस्तेमाल थोड़ा ध्यान से करें। दरअसल, पेस्ट को ज़्यादा देर तक लगाकर रखने से आपकी त्वचा का रूखापन बढ़ सकता है।
4. एलोवेरा – Aloe vera
सामग्री
एलोवेरा
कैसे तैयार करें?
इसमें कुछ खास तैयारी की ज़रूरत नहीं पड़ती है। एलोवेरा को जब आप तोड़ेंगे, तो आपको उसके अंदर एक द्रव्य दिखेगा। आपको उसी द्रव्य या जेल का इस्तेमाल करना होता है।
कैसे लगाएं
एलोवेरा से निकले जेल को सीधे पिंपल वाली जगह पर लगाएं।
समय
जेल को दस से पंद्रह मिनट तक पिंपल पर लगा रहने दें और फिर पानी से धो लें।
कैसे करता है मदद?
चेहरे और पीठ पर मौजूद मुंहासों के इलाज के लिए एलोवेरा जेल को मुंहासे वल्गैरिस उपचार में और पूरे चेहरे और पीठ में उपयोग में लाया जाता है। इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटीइन्फ़्लैमेट्री गुण त्वचा में होनी वाली सूजन और जलन को कम करते हैं। (10)
5. नींबू – Lemon
सामग्री
एक नींबू
एक छोटा रुई का गोला
कैसे तैयार करें?
एक छोटी कटोरी में नींबू का रस निकाल लें और उस रस में रुई का छोटा-सा टुकड़ा डुबो लें।
कैसे लगाएं?
सोने से पहले रुई से नींबू के रस को पिंपल वाली जगह पर लगाएं।
समय – Time
रात भर नींबू के रस को लगा रहने दें और अगले दिन सुबह उसे पानी से धो लें।
कैसे करता है मदद?
नींबू त्वचा की जलन और सूजन को कम करने में मदद करता है। (11) नींबू में एंटीमाइक्रोबायल और एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते हैं, जो पिंपल पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मार देते है। (12) नींबू का रस पिंपल के दाग़ मिटाने में भी कारगर साबित हो सकता है। (13)
अगर आपकी त्वचा थोड़ी ज़्यादा संवेदनशील है, तो इस नुस्खे के इस्तेमाल में सावधानी बरतें। नींबू का रस आपकी त्वचा को रूखा बना सकता है और आपकी त्वचा में जलन भी हो सकती है।
6. टी ट्री ऑयल यानी चाय की पत्ती से बना तेल – Tea tree oil
सामग्री
दो से तीन बूंद टी ट्री ऑयल
एक चम्मच जैतून का तेल
कैसे तैयार करें?
एक कटोरी लें और उसमें टी ट्री ऑयल और जैतून के तेल को मिला लें।
कैसे लगाएं?
अब इस तेल के मिश्रण को रूई से या उंगली से पिंपल पर लगाएं।
समय
इस मिश्रण को हर कुछ घंटो में लगाएं। इस्तेमाल से पहले इस मिश्रण की कुछ बूंदें हाथ की त्वचा पर लगाकर एलर्जी की जांच करें।
कैसे करता है मदद?
टी ट्री ऑयल को आमतौर पर पिंपल के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस तेल को खासतौर पर माथे, गाल, ठुड्डी और होंठ के ऊपर होने वाले मुंहासों के इलाज में बेहद कारगर माना जाता है। यह एक शक्तिशाली एंटीमाइक्रोबायल एजेंट है और इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट भी पाए जाते हैं। (14)
7. लहसुन – Garlic
सामग्री
दो से तीन लहसुन की कलियां
पानी
कैसे तैयार करें?
लहसुन की कलियों का पेस्ट बनाकर उसमें थोड़ा-सा पानी मिला लें।
कैसे लगाएं?
इस पेस्ट को सीधे पिंपल के ऊपर लगाएं। इस्तेमाल से पहले लहसुन का रस पानी में पूरी तरह से घुलने दें। इसके बाद ही तैयार हुए पेस्ट को पिंपल पर लगाएं।
समय
पेस्ट को पांच से दस मिनट तक लगा रहने दें और फिर पानी से धो लें।
कैसे करता है मदद?
लहसुन में एलिसिन के एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो मुंहासों के लिए ज़िम्मेदार माने जाने वाले बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं। (15)
8. बेकिंग सोडा – Baking Soda
सामग्री
एक चम्मच बेकिंग सोडा
पानी
कैसे तैयार करें?
बेकिंग सोडा में पर्याप्त मात्रा में पानी मिलाकर उसका पेस्ट बना लें।
कैसे लगाएं?
अपनी उंगली से इस पेस्ट को पिंपल पर लगाएं।
समय
पांच मिनट तक इस पेस्ट को लगा रहने दें और फिर पानी से धो लें। इसके बाद कोई नैचुरल मॉइस्चराइज़र लगा लें।
कैसे करता है मदद?
बेकिंग सोडा पिंपल को सुखा देता है और त्वचा के पीएच स्तर को सही करता है। यह जलन को कम करके त्वचा को आराम पहुंचाता है। (16) ध्यान रहे, इस पेस्ट को पांच मिनट से ज़्यादा देर तक लगाकर ना रखें। इससे त्वचा रूखी भी हो सकती है।
9. शहद – Honey
सामग्री
शहद
कैसे तैयार करें?
एक कटोरी में थोड़ी मात्रा में शहद लें।
कैसे लगाएं?
अपनी उंगली से शहद को पिंपल पर लगाएं।
समय
अब इसे 20 से 25 मिनट तक सूखने के लिए छोड़ दें। फिर पानी से पिंपल वाली जगह को धो लें।
कैसे करता है मदद?
शहद एक चमत्कारी मास्क है, जो मुंहासों को आसानी से हटाता है। यह एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक है, जो पिंपल पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मारता है। इसमें हाइड्रेटिंग गुण भी होते हैं, जिससे त्वचा स्वस्थ होती है। (17)
10. हल्दी – Turmeric
सामग्री
हल्दी पाउडर
पानी
कैसे तैयार करें?
हल्दी में पर्याप्त मात्रा में पानी मिलाकर इसका पेस्ट बना लें।
कैसे लगाएं?
पेस्ट को उंगली से पिंपल पर अच्छी तरह लगाएं।
समय
पेस्ट को सूखने के लिए 10 से 15 मिनट का समय दें और फिर उसे पानी से धो लें।
कैसे करता है मदद?
हल्दी एक एंटीसेप्टिक औषधि है। आमतौर पर त्वचा में संक्रमण होने पर हल्दी के लेप का इस्तेमाल किया जाता है। चूंकि हल्दी त्वचा पर मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को मारती है और त्वचा की कोशिकाओं को जल्द ठीक करती है। इसलिए यह पिंपल के उपचार में भी कारगर साबित हो सकती है। (18)
11. गुलाब जल – Rose water
सामग्री
दो चम्मच ग़ुलाब जल
दो चम्मच चंदन पाउडर
कैसे तैयार करें?
चंदन पाउडर में ग़ुलाब जल को मिलाकर गाढ़ा पेस्ट तैयार करें।
कैसे लगाएं?
इस पेस्ट को उंगली से पिंपल वाली जगह पर लगाएं।
समय
पेस्ट के अच्छी तरह सूखने तक इंतज़ार करें और फिर इसे पानी से धो लें।
कैसे करता है मदद?
गुलाब जल त्वचा के लिए बहुत अच्छा होता है। इसमें मौजूद एस्ट्रिंजेंट और स्किन टोनर के गुण मुंहासों के दाग़ मिटाने में मदद करते हैं और त्वचा को ज़रूरी नमी भी प्रदान करते हैं। यह एस्ट्रिंजेंट और स्किन टोनर का काम करता है। (19)
12. नारियल तेल – Coconut oil
सामग्री
नारियल तेल
कैसे तैयार करें?
एक कटोरी में एक या दो चम्मच नारियल तेल डालकर उसे गुनगुना कर लें।
कैसे लगाएं?
अपनी उंगली से तेल को पिंपल पर लगाएं।
समय
इसे हर कुछ घंटों में लगाते रहें।
कैसे करता है मदद?
नारियल तेल ठंडा होता है और यह त्वचा को नर्म रखता है। इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जिसके कारण इसे मॉस्चुराइज़र और लोशन में भी मिलाया जाता है। (20) इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट त्वचा की कोशिकाओं को फ़िर से भरता है। (21) इसलिए, नारियल तेल को हर तरह के पिंपल के इलाज में कारगर माना जाता है।
13. एस्पिरिन – Aspirin
सामग्री
एक एस्पिरिन की गोली
पानी
रूई का टुकड़ा
कैसे तैयार करें?
एस्पिरिन की गोली को अच्छी तरह से पीस लें और उसमें पानी की कुछ बूंदें मिलाकर पेस्ट बना लें।
कैसे लगाएं?
रूई की मदद से या अपनी उंगली से पिंपल पर इस पेस्ट को लगाएं।
समय
इस पेस्ट को 10 से 15 मिनट के लिए या अगर संभव हो तो रात भर लगा रहने दें। सुबह उठकर पेस्ट को पानी से धो लें।
कैसे करता है मदद?
एस्पिरिन में एन्टीइन्फ़्लैमेट्री गुण पाया जाता है, जो मवाद या पस से भरे पिंपल की वजह से हुई सूजन को कम करता है। इसके अलावा एस्पिरिन से पिंपल की नमी को कम करने में भी मदद मिलती है। (22)
14. नीम – Neem
सामग्री
कुछ नीम के पत्ते
एक चम्मच मुल्तानी मिट्टी
गुलाब जल
कैसे तैयार करें?
नीम के पत्तों को धूप में अच्छी तरह से सुखाकर पाउडर बना लें।
अब एक चम्मच नीम पाउडर में बराबर मात्रा में मुल्तानी मिट्टी मिला लें।
ज़रूरत के अनुसार इस मिश्रण में गुलाब जल मिलाकर पेस्ट तैयार करें।
कैसे लगाएं?
तैयार हुए पेस्ट को उंगली से पिंपल पर लगाएं और इसे सूखने दें।
समय
पेस्ट को 10 से 15 मिनट तक लगा रहने दें और सूखने के बाद उसे पानी से धो लें।
कैसे करता है मदद?
मुंहासों के उपचार के लिए घरेलू नुस्खे के तौर पर नीम का इस्तेमाल काफ़ी प्रचलित है। नीम एक प्राकृतिक एस्ट्रिजेंट है, जिसकी पत्तियों में एंटीफ़ंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। इसके अलावा नीम की पत्तियां हमारे खून को साफ़ रखने में मदद करती हैं। इन्हीं खूबियों की वजह से नीम की पत्तियों को पिंपल के उपचार की कारगर औषधि माना जाता है। (23)
15. ऑलिव ऑयल यानी जैतून का तेल – Olive oil
सामग्री
तीन-चार बूंद जैतून का तेल
कैसे तैयार करें?
सोने से पहले जैतून के तेल को गुनगुना करके रख लें।
कैसे लगाएं?
सोने से पहले अपने चेहरे को अच्छी तरह से धोएं। इसके बाद एक कटोरी में जैतून का गुनगुना किया हुआ तेल लें और उसे पिंपल पर धीरे-धीरे लगाएं।
समय
तेल को रात भर लगा रहने दें।
कैसे करता है मदद?
जैतून का तेल पिंपल की सूजन और जलन को कम करता है। ये हमारी त्वचा को नमी देता है और हमारे शरीर में सीबम के स्तर को संतुलित करने में मदद करता है। जैतून के तेल के लगातार इस्तेमाल से पिंपल के दाग भी कम होने लगते हैं। (24)
16. ग्रीन टी – Green Tea
सामग्री
एक से दो चम्मच ग्रीन टी के पत्ते
एक कप पानी
शहद
कैसे तैयार करें?
पानी को उबाल कर एक कप में डालें।
कप में में ग्रीन टी की कुछ पत्तियां भी डाल दें।
अब इसमें एक चम्मच शहद डालकर सबको मिलाएं।
कैसे इस्तेमाल करें?
तैयार हुई गरमा-गर्म ग्रीन टी पिएं।
समय
हर रोज़ एक से दो कप ग्रीन टी पिएं।
कैसे करता है मदद?
ग्रीन टी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। यह शरीर में हार्मोन के स्तर को संतुलित करने में सहायता करता है। इसलिए, हार्मोन के स्तर में बदलाव की वजह से होने वाले मुंहासों के इलाज के लिए इस घरेलू नुस्खे को अपनाने की सलाह दी जाती है। (25)
17. कैस्टर ऑयल यानी अरंडी का तेल – Castor Oil
सामग्री
कैस्टर ऑयल
साफ़ तौलिया
पानी
कैसे तैयार करें?
कैस्टर ऑयल को आप सीधे पिंपल पर लगा सकते हैं।
कैसे लगाएं?
पहले अपने चेहरे या पिंपल वाली जगह को पानी से धोकर अच्छी तरह से साफ़ करें। इसके बाद साफ़ तौलिए से पोछ कर अपनी त्वचा को सुखा लें। अंत में पिंपल वाली जगह पर कैस्टर ऑयल लगाकर धीरे-धीरे मसाज करें।
समय
कैस्टर ऑयल से दो से तीन मिनट तक मसाज करें और फिर हलके भीगे तौलिए से त्वचा को पोछ लें।
कैसे करता है मदद?
कैस्टर ऑयल त्वचा की गंदगी, अशुद्धि और बैक्टीरिया को खींचकर बाहर निकालता है। (26) साथ ही कैस्टर ऑयल में मौजूद रिसिनोलिक एसिड त्वचा तो स्वस्थ और मुलायम बनाता है। (27)
18. ग्लिसरीन – Glycerine
सामग्री
ग्लिसरीन
कैसे तैयार करें?
बिना किसी तैयारी के ग्लिसरीन को त्वचा पर सीधे भी लगाया जा सकता है।
कैसे लगाएं?
रुई की सहायता से पिंपल वाली जगह पर थोड़ा-सा ग्लिसरीन लगाएं।
समय
आप दिन में दो से तीन बार पिंपल पर ग्लिसरीन लगा सकते हैं। कुछ घंटों के लिए पिंपल पर ग्लिसरीन लगा रहने दें और फिर पानी से धो लें।
कैसे करता है मदद?
यह एक ऐंटिमाइक्रोबायल एजेंट है जिससे त्वचा स्वस्थ होती है। ग्लिसरीन हमारी त्वचा को हाइड्रेट रखने में भी मदद करता है। (28)
19. पपीता – Papaya
सामग्री
पपीता
कैसे तैयार करें?
पपीता के कुछ टुकड़ों को अच्छी तरह से कुचलकर पेस्ट बना लें।
कैसे लगाएं?
अपने चेहरे को अच्छी तरह से धो लें और फिर इस पेस्ट को पिंपल पर लगाएं।
समय
10 से 15 मिनट तक इस पेस्ट को लगा रहने दें और फिर पानी से धो लें।
कैसे करता है मदद?
पिंपल के इलाज में पपीता को काफ़ी कारगर औषधि माना जाता है। यह त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाता है और त्वचा से अत्यधिक तेल को बाहर निकालता है। साथ ही पपीता पिंपल में पस को बनने से रोकता है और त्वचा को मुलायम बनाता है। (29)
20. भाप की प्रक्रिया – Steam
सामग्री
पानी
तौलिया
कैसे तैयार करें?
एक बड़े बर्तन में पानी गर्म कर लें।
कैसे इस्तेमाल करें?
गर्म पानी के पास अपने चेहरे को ले जाएं और सर के ऊपर एक तौलिया डालकर उसे ढक लें। ध्यान रहे कि चेहरे को गर्म पानी के ज़्यादा पास न ले जाएं।
समय
पांच से दस मिनट के लिए ऐसा करें। अगर आपकी त्वचा ऑयली है, तो आप एक या दो दिन छोड़कर या हफ़्ते में एक बार इस नुस्खे को आज़माकर देखें।
कैसे करता है मदद?
भाप लेने से त्वचा के रोमछिद्र खुल जाते हैं और उसमें मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया के साथ-साथ गैर-ज़रूरी तेल भी बाहर निकल जाता है।
पिंपल/मुंहासे से बचाव के लिए क्या खाएं – Diet for Pimples in Hindi
खान-पान की आदतों में सुधार लाकर भी मुंहासे या पिंपल की समस्या से काफ़ी हद तक बचा जा सकता है। आइए जानते हैं कि पिंपल से बचाव के लिए हमें किन चीज़ों को अपने आहार में शामिल करना चाहिए और किनसे परहेज करना चाहिए। इसलिए नीचे हम आपको बता रहे हैं कि पिंपल से बचने के लिए खाने में क्या खाएं और क्या न खाएं :
क्या खाएं?
- हरी पत्तेदार सब्ज़ियां, खीरा, शकरकंद, गाजर और शिमला मिर्च खाएं।
- मौसमी फलों को अपने भोजन में शामिल करें।
- दही का नियमित सेवन करें।
- ग्रीन टी पिएं।
- अखरोट, काजू और किशमिश का सेवन करें।
क्या ना खाएं?
- ज़्यादा तेल वाली चीज़ें या जंक फ़ूड, जैसे- पिज़्ज़ा, बर्गर, नूडल्स आदि का ज़्यादा सेवन न करें।
- ज़्यादा मीठा खाने से परहेज करें।
- ऐसी चीज़ों से दूर रहें, जिनमें ग्लिसेमिक की मात्रा अधिक होती है, जैसे – सफ़ेद ब्रेड, सफ़ेद चावल, प्रोसेस्ड फ़ूड आदि।
विटामिन के साथ पिंपल का संबंध
कुछ खास विटामिन का पिंपल या मुंहासे की समस्या से सीधा संबंध होता है। अगर हम खुद को इन विटामिन की कमी से बचाकर रखें, तो पिंपल की समस्या पर आसानी से काबू पाया जा सकता है। आइए एक-एक करके इन विटामिन के नाम और उनके स्रोतों के बारे में जानते हैं:
विटामिन-ए – पिंपल से बचाव के लिए आपको ऐसी चीज़ें खानी चाहिए, जिनमें प्रचूर मात्रा में विटामिन-ए मौजूद हो। दरअसल, विटामिन-ए में एंटीऑक्सीडेंट के गुण होते हैं और यह आपके दिमाग, आंखों और त्वचा के लिए बहुत ही फ़ायदेमंद होता है। साथ ही विटामिन-ए त्वचा में कोशिकाओं को मृत होने से भी रोकता है। (30) विटामिन-ए की कमी दूर करने के लिए, आप पालक, गाजर और शकरकंद जैसी सब्ज़ियों का सेवन कर सकते हैं।
विटामिन-डी – विटामिन-डी आपकी त्वचा को मुलायम और चमकदार बनाता है। यह मुंहासों की जलन से आराम पहुंचाता है और संक्रमण से लड़ने में आपकी मदद करता है। (31) विटामिन-डी की कमी से बचने के लिए, आप
अंडा, संतरे का रस और दूध का सेवन कर सकते हैं।
विटामिन-ई – यह भी एक प्रकार का एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो त्वचा की नमी को बरकरार रखने में मदद करता है। इसके अलावा विटामिन-ई सूर्य की हानिकारक किरणों से भी त्वचा की रक्षा करता है। (33) इतना ही नहीं, यह हमारे शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को भी बढ़ाता है। विटामिन-ई की इसी खूबी की वजह से पिंपल के लिए ज़िम्मेदार बैक्टीरिया की तादाद नहीं बढ़ पाती है। (34)। विटामिन-ई की कमी से बचने के लिए, आप बादाम, मूंगफली, पिस्ता और काजू जैसी चीज़ों का सेवन कर सकते हैं।
पिंपल/मुंहासे का इलाज – Pimple Treatments in Hindi
वैसे तो आजकल मुंहासे या पिंपल होना बहुत ही आम बात है। लेकिन, पिंपल की समस्या अगर घरेलू नुस्खों से दूर ना हो पाए, तो आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। फिलहाल नीचे हम आपको घरेलू उपचार के अलावा कुछ अन्य उपचारों के बारे में बता रहे हैं जिनसे पिंपल का इलाज किया जाता है :
- लेज़र उपचार – उपचार की इस आधुनिक विधि में मुंहासे में मौजूद बैक्टीरिया को मारने के लिए स्पंदित लेज़र किरणों का इस्तेमाल किया जाता है। यह विधि मुंहासों को नियंत्रित करती है और भविष्य में मुंहासे होने की आशंका को कम करती है।
- होम्योपैथिक उपचार – उपचार की इस विधि में मुंहासे होने की मूल वजह को दूर करने पर ध्यान दिया जाता है। यह एक समग्र उपचार विधि है, जो मुंहासे के ब्रेकआउट से राहत पाने में आपकी मदद कर सकती है। मुंहासे के इलाज के लिए होम्योपैथी के डॉक्टर आमतौर पर सल्फ़र, काली ब्रोमैटम, आर्कटियमलाप्पा, बेलाडोना और नक्स वोमिका से बनी दवाओं के इस्तेमाल की सलाह देते हैं। हालांकि, आपको डॉक्टर की सलाह लिए बिना किसी भी तरह की दवा का सेवन नहीं करना चाहिए।
- हर्बल उपचार – इस उपचार विधि में आमतौर पर घर में या घर के आस-पास पाई जाने वाली चीज़ों, जैसे हल्दी, नीम, लहसुन, एलोवेरा आदि की सहायता से इलाज होता है।
- ब्लू लाइट से उपचार – यह मुंहासे के इलाज की सबसे नई विधि है। इसका इस्तेमाल लाल मुंहासों और सूजन वाले मुंहासों के इलाज के लिए किया जाता है। दरअसल, प्रोपेयोनिबैक्टीरियम एकनेस नाम के बैक्टीरिया को मुंहासों के लिए ज़िम्मेदार माना जाता है। हमारी त्वचा की तेल ग्रंथियों में रहने वाला यह बैक्टीरिया नीली रोशनी के संपर्क में आते ही नष्ट हो जाता है। इसके अलावा, नीली रोशनी की गर्मी से त्वचा की तेल ग्रंथियां सिकुड़ने लगती हैं, जिससे कम सीबम बनता है। मुहांसो के लिए यह एक अच्छा उपचार हो सकता है।
- आयुर्वेदिक उपचार – मुंहासे के उपचार की आयुर्वेदिक विधि और हर्बल विधि में आमतौर पर एक जैसी जड़ी-बूटियों का ही इस्तेमाल होता है। आयुर्वेदिक दवाओं को बनाने के लिए सूखी और ताज़ी जड़ी-बूटियों को एक निश्चित मात्रा में आपस में मिलाया जाता है। आयुर्वेद के वैद्य मुंहासों के इलाज के लिए आमतौर पर त्रिफला गुगुलु, चंदनासवा और सरीवद्यासवा जैसी आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन करने की सलाह देते हैं।
पिंपल/मुंहासे से बचाव – पिंपल को कैसे रोकें? – Pimple Prevention Tips in Hindi
अपनी जीवनशैली में नीचे दिए गए सुझावों को शामिल करके भी मुंहासों की समस्या से बचा जा सकता है:
- अपने चेहरे को हर रोज़ दो बार धोएं। इससे आपके चेहरे पर जमने वाली धूल-मिट्टी साफ़ हो जाती है और पिंपल होने का खतरा काफ़ी कम हो जाता है।
- अपने मेकअप ब्रश को अच्छी तरह से धोने की आदत डालें। इससे ब्रश में बैक्टीरिया नहीं पनपते हैं।
- हर रोज़ दस से बारह गिलास पानी पिएं ताकि आपके शरीर की अशुद्धियां बाहर निकलती रहें।
- अगर कोई पिंपल निकले तो उसे दबाए नहीं। ऐसा करने से पिंपल अन्य जगहों पर फैल सकता है।
- ज़्यादा नमक खाने से पिंपल हो सकता है इसलिए सीमित मात्रा में नमक का सेवन करें।
- पौष्टिक और संतुलित आहार लेने की आदत डालें।
- भाप लें, यह त्वचा के रोमछिद्रों को खोलने में मदद करता है और पिंपल और ब्लैकहेड को आसानी से हटाता है।
- हर समय अपने चेहरे को न छुएं। ऐसा करने से हाथ में मौजूद बैक्टीरिया आपके चेहरे की त्वचा तक पहुंच सकता है और आपको पिंपल का शिकार बना सकता है।
भले ही पिंपल एक सामान्य सी समस्या है, लेकिन बार-बार पिंपल होने से आपकी त्वचा की चमक और खूबसूरती घट सकती है। हमें उम्मीद है कि हमारी ओर से बताए गए घरेलू नुस्खों को अपनाने से आपकी पिंपल की परेशानी काफ़ी हद तक ठीक हो सकती है। हालांकि, अगर आपको ऊपर बताई गई किसी भी खाने-पीने या लगाने की चीज़ से एलर्ज़ी है, तो उसका सेवन शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें।
आप कमेंट में ज़रूर बताएं कि इनमें से कौन सा घरेलु नुस्खा अपनाना चाहते हैं और क्यों? इसके साथ ही साथ अगर आप भी पिंपल के इलाज का कोई घरेलू नुस्खा जानते हैं, तो कमेंट बॉक्स में लिखकर हमें उसके बारे में ज़रूर बताएं।
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